Yes Bank बर्बाद हो गया ? बंद होने के कगार पर !
Yes Bank बर्बाद हो गया ?
Yes Bank हिंदुस्तान का सबसे अच्छा ब्याज देने वाला बैंक के नाम से जाना जाता है कहा जाता है कि अब तक किसी बैंक ने इतनी तेजी से Growth नहीं किया जितनी तेजी से Yes Bank ने ग्रोथ किया ।
अब सवाल यह उठता है कि इतनी तेजी से ग्रोथ करने वाला बैंक अचानक बंद होने के कगार पर कैसे और क्यों आ गया ?
पिछले दिनों भारतीय रिजर्व बैंक ने Yes Bank पर रोक लगाते हुए इसके निदेशक मंडल को पूरी तरह से भंग कर दिया दिया । खाताधारकों को एक निर्देश जारी करते हुए कहा कि अब वे केवल ₹50000 ही निकाल सकते हैं ।
अब आप भी जान लीजिए कि आखिर हिंदुस्तान का सबसे तेजी से उभरने वाला बैंक Yes Bank कैसे आसमान से जमीन पर आ गया जो अब कंगाली की हालत में चल रहा है ।
अब आप भी जान लीजिए कि आखिर हिंदुस्तान का सबसे तेजी से उभरने वाला बैंक Yes Bank कैसे आसमान से जमीन पर आ गया जो अब कंगाली की हालत में चल रहा है ।
Yes Bank के तबाह होने के मुख्य दो कारण हैं
1. पारिवारिक कारण
साल 2011 में अशोक कपूर की मौत के बाद उनके परिवार में आर्थिक कलह शुरू हो गया । अशोक कपूर की पत्नी अपनी बेटी शगुन को बैंक के बोर्ड में शामिल करना चाहती थी जिससे विवाद और बढ़ गया । इस तरह पूरा मामला कोर्ट में चला गया जिसमें विवाद और बढ़ता चला गया परंतु इसमें राणा कपूर की जीत हुई । और आगे चलकर विवाद भी खत्म हो गया ।
कुछ दिन बाद रणवीर गिल को Yes Bank का मैनेजिंग डायरेक्टर घोषित किया गया परंतु Yes Bank के बर्बादी का असली मंजर अब आने वाला था इस विवाद के खत्म होते ही कारपोरेट गवर्नेंस से पूर्व विचाराधीन मामले एक के बाद एक सामने आते गए बाकी बैंक पर बहुत सारे कर्ज पहले से है ।
धीरे-धीरे वक्त बीता और प्रमोटर्स ने अपनी हिस्सेदारी बेचनी शुरू कर दी । खुद राणा कपूर जिन शेयर्स को अमूल्य संपत्ति बताते थे जिसे वह कभी बेचना नहीं चाहते थे उन्हें भी अपने अमूल्य शेयर्स को बेचने पड़ गए । इस प्रकार राणा कपूर और उनके ग्रुप की हिस्सेदारी घटकर 4.72 हो गई । ग्रुप के प्रेसिडेंट रजत मोगा अपने पद से 3 अक्टूबर 2019 को रिजाइन कर दिया । उन्होंने सितंबर में अपनी हिस्सेदारी बेच दी थी ।
कुछ दिन बाद रणवीर गिल को Yes Bank का मैनेजिंग डायरेक्टर घोषित किया गया परंतु Yes Bank के बर्बादी का असली मंजर अब आने वाला था इस विवाद के खत्म होते ही कारपोरेट गवर्नेंस से पूर्व विचाराधीन मामले एक के बाद एक सामने आते गए बाकी बैंक पर बहुत सारे कर्ज पहले से है ।
2. कारपोरेट ग्राहकों ने डुबाया लुटिया
कहां जाता है कि Yes Bank के ग्राहकों के लिस्ट में रिटेल से ज्यादा कारपोरेट ग्राहक हैं । Yes Bank ने जिन-जिन कंपनियों को लोन दिया पहले से ही बदहाली के स्थिति में चल रही थी जिनको Yes Bank के अलावा किसी ने भी लोन नहीं दिया । इस प्रकार लोन लेने वाली कंपनियों ने भी लोन नहीं लौटाया जिसे Yes Bank की हालत बहुत ज्यादा बुरी हो गई ।
Yes Bank से जुड़ी अब तक की सबसे महत्वपूर्ण बातें
- Yes Bank के पास 40 अरब डालर 2.85 लाख करोड़ रुपए की बैलेंस शीट है ।
- भारत सरकार इस बैंक को डूबने से बचाने का पूरा प्रयास कर रही है ।
- Yes Bank को Capital Base बढ़ाने के लिए 2 अरब डॉलर चुकाने होंगे ।
- Yes Bank ने इसके लिए अपना रेजोल्यूशन प्लान घरेलू लैंडर्स SBI, HDFC, AXIS BANK और LIC को भी सौंप चुका है । उनके प्लान पर सहमति नहीं बन पाई है ।
- अगस्त 2018 में बैंक के Share Price ₹400 था जो अब नगदी के कमी के वजह से ₹37 के करीब रह गए हैं ।
- Yes Bank के Market Cap 8888.40 करोड़ रुपए है ।
कितना पुराना है YES BANK ?
- Yes Bank की स्थापना साल 2004 में हुई थी ।
- राणा कपूर ने अपने रिश्तेदार अशोक कपूर के साथ मिलकर Yes Bank बनाया था ।
- 26 11 के मुंबई आतंकवादी हमले में अशोक कपूर की मौत हो गई थी ।
- अशोक कपूर के मौत के बाद उनके मालिकाना हक के लिए अशोक कपूर की पत्नी मधु कपूर और राणा कपूर के बीच तनाव पैदा हो गया ।
- अशोक कपूर की पत्नी मधु कपूर अपनी बेटी शगुन को Yes Bank Board में जगह दिलाना चाहती थी ।
- इस प्रकार Yes Bank के शुरुआत के 4 साल बाद ही पारिवारिक विवाद बड़े कलह में बदल गया जिसका असर Yes Bank के बिजनेस पर पड़ने लगा ।
Reserve Bank of India (RBI) क्या कर सकता है ?
ढेर सारे पाबंदियों के बीच जानकारी मिल रही है कि आरबीआई Yes Bank के Asset Quality मूल्यांकन करेगा । इसके बाद पता चलेगा कि क्या हो सकता है यह भी हो सकता है कि 30 दिन के भीतर यह तय कर लिया जाए कि Yes Bank को Merg किया जाए या Takeover ।
Yes Bank के ग्राहकों को घबराने की जरूरत नहीं है !
Reserve Bank of (RBI) ने कहा है कि इस मामले को जल्द से जल्द सुलझा लिया जाएगा । आरबीआई ने सरकार से 30 दिन का वक्त मांगा है । हो सकता है यह मामला 30 दिन से पहले ही निपटा लिया जाए । फिलहाल कोई भी अकाउंट होल्डर अगले 1 माह तक ₹50000 से ज्यादा पैसा नहीं निकाल सकता है । आर बी आई ने यह पाबंदी 3 अप्रैल 2020 तक लागू किया है ।Yes Bank पर वित्त मंत्रालय ने भी अपनी पैनी नजर बनाए रखा है
इस मामले में प्रधानमंत्री को इस स्थिति से निरंतर अवगत कराया जा रहा है । Yes Bank की निकासी पर रोक हो सके इसके लिए RBI से वित्त मंत्रालय लगातार संपर्क में है । सरकार SBI और LIC से भी संपर्क में है सरकार YES BANK के हिस्सेदारी को बेचना चाहती है वही नए विकल्पों पर भी खोज जारी है ।
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