ई-रूपी क्या है ? यह कैसे काम करता है ? इससे किसको फायदा होगा ? और इससे नुकसान किसको होगा ? जानिए आसान भाषा में
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ई-रूपी क्या है ?
"ई-रूपी सरकार द्वारा जारी किया गया एक तरह का वाउचर, क्यूआर कोड या ई-कोड है जिसे प्रदाता को दिखाने पर लाभार्थी को पूर्व सुनिश्चित सामान, सेवा या सहायता मिल जाता है ।" इस सिस्टम को NPCI-National Payment Corporation of India ने विकसित किया है । अधिकारिक रूप से इसे 2 अगस्त 2021 को वर्तमान प्रधानमंत्री पीएम मोदी द्वारा लांच किया गया ।
इस योजना के तहत सरकार जरूरतमंदों को देने के लिए जो भी सुविधा या राशि उनके खाते में भेजती है उसे अब पैसे के बदले ई-रूपी वाउचर, क्यूआर कोड या ई-कोड दिया जाएगा । ई-कोड या वाउचर को अपने नजदीकी दुकान या स्टोर पर स्कैन करवा कर या ई-कोड देकर सरकार द्वारा भेजे गए सुविधा को प्राप्त कर सकता है ।
ई-रूपी कैसे काम करता है ?
इसे एक उदाहरण के माध्यम से समझते हैं मान लीजिए एक गांव में एक किसान को खाद की जरूरत है और उसके पास पैसे नहीं है तो ऐसी स्थिति में सरकार किसान के मोबाइल पर एक वाउचर, क्यूआर कोड या ई-कोड भेजेगी किसान इस वाउचर, क्यूआर कोड या ई-कोड को लेकर खाद की दुकानदार के पास जाएगा और और दुकानदार किसान के मोबाइल पर भेजे गए वाउचर, क्यूआर कोड या ई-कोड को स्कैन करेगा स्कैन करते ही सरकार द्वारा क्यूआर कोड या ई-कोड के माध्यम से भेजे गए पैसे दुकानदार के खाते में स्वत: ही जमा हो जाएगा और इस प्रकार किसान को खाद मिल जाएगा ।
इसी इसी प्रकार सरकार अगर वृद्धा पेंशन भेजना चाहती है तो वृद्ध लाभार्थी के मोबाइल पर सरकार क्यूआर कोड या ई-कोड भेजेगी वृद्ध लाभार्थी को बैंक जा कर इस क्यूआर कोड या ई-कोड को दिखाना होगा, बैंक इस क्यूआर कोड या ई-कोड को स्कैन करके वृद्ध को पेंशन दे देगी ।
एक और उदाहरण में सरकार यदि आवास आवंटन देना चाहती है तो ऐसी स्थिति में सरकार आवास में लगने वाले सामग्री जैसे बालू, सीमेंट, सरिया इत्यादि के लिए क्यूआर कोड या ई-कोड लाभार्थी के मोबाइल पर भेजेगी इस को लेकर लाभार्थी बालू, सीमेंट वाली दुकान पर जाकर सामग्री प्राप्त कर सकता है ।
ई-रूपी की जरूरत क्या है ?
हर किसी के मन में यह सवाल जरूर आता होगा कि इसकी जरूरत क्यों पड़ी । इसकी जरूरत इसलिए पड़ी की आजादी के बाद से भारत सरकार ने देशवासियों के लिए बहुत सारी मुफ्त सेवाएं प्रदान की है चाहे वह गरीबी रेखा के नीचे आने वालों को धनराशि देना हो राशन वितरण करना हो, आवास आवंटन हो, बेरोजगारी भत्ता हो, शिक्षा में जरूरत पड़ने वाली सहायता राशि हो, कृषि संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए सरकार द्वारा दिया गया राशि हो, चिकित्सा सुविधा इत्यादि यह सभी सुविधाएं लाभार्थी को पूरी तरह से नहीं पहुंच पा रही थी इसका फायदा बिचौलिए या मध्यस्थ लोग उठाते थे यह राशि लाभार्थी तक पहुंचते-पहुंचते एक छोटी राशि में बदल जाती थी और सरकार अपनी योजनाओं में नाकाम हो जाती थी इन्हीं बिचौलिए, मध्यस्थ लोगों को खत्म करने के लिए ई-रूपी की जरूरत पड़ी । जिसे सरकार द्वारा लाए गए योजना सही तरीके से काम कर सके ।
ई-रूपी से किसको फायदा होगा ?
सरकार द्वारा घोषित योजनाएं अब ई-रूपी के माध्यम से सीधे लाभार्थी के पास पहुंचाने में मदद मिलेगी । सरकार का धन व्यर्थ होने से बचेगा और धन का सही उपयोग होगा । योजनाएं ज्यादा से ज्यादा सफल होंगी देश का विकास होगा । भ्रष्टाचार जमाखोरी इत्यादि में कमी आएगी ।
ई-रूपी नुकसान किसको होगा ?
दुनिया में ऐसी कोई चीज नहीं है जिसमें कमी ना हो । ई-रूपी में बहुत सारी अच्छाइयां होने के बावजूद भी कुछ कमियां है जैसे अगर किसी लाभार्थी के पास मोबाइल नहीं है तो उसके लिए थोड़ी दिक्कत हो सकती है । देश में ऐसे बहुत सारी जगह है जहां मोबाइल नेटवर्क नहीं पहुंच पाया है ऐसे में क्यूआर कोड, ई-कोड या मैसेज आने का सवाल ही नहीं पैदा होता ।
क्यूआर कोड या ई-कोड चोरी होने का डर भी हो सकता है यदि किसी के मोबाइल गुम हो गया है तो ऐसी स्थिति में जिसके पास मोबाइल होगा वह व्यक्ति उस क्यूआर कोड या ई-कोड का इस्तेमाल करके लाभार्थी बन सकता है । इस तरह की छोटी-छोटी कई कमियां है जिस पर काम होना अभी बाकी है । उम्मीद है भविष्य में इन कमियों को भी दूर कर लिया जाएगा ।
ई-रूपी का भविष्य
यह योजना केवल सरकार तक ही सीमित नहीं रहेगी । आने वाले समय में इस योजना का विस्तृत विस्तार होगा इस योजना को इतना विकसित किया जाएगा कि प्राइवेट सेक्टर भी इसका इस्तेमाल कर सकेंगे । उदाहरण के तौर पर यदि कोई विद्यार्थी पढ़ाई की सामग्री खरीदने के नाम पर अपने अभिभावक से पैसे मांगता है और उन पैसों को गलत जगह इस्तेमाल करता है तो ऐसी स्थिति में ई-रूपी एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है । ई-रूपी के माध्यम से अभिभावक विद्यार्थी को पैसे की जगह क्यूआर कोड या ई-कोड दे देंगे जिस को दिखाकर विद्यार्थी पढ़ाई की सामग्री दुकान से ले सकेगा । इसी तरह हर क्षेत्र में क्यूआर कोड या ई-कोड का इस्तेमाल करके धन के दुरुपयोग को रोका जा सकता है ।