वॉलेट का इतिहास काफ़ी पुराना और दिलचस्प है। चलिए, इसे समझते हैं:
प्राचीन काल:
- प्राचीन ग्रीस: यहाँ वॉलेट जैसी चीज़ों का इस्तेमाल खाना रखने या भीख मांगने के लिए किया जाता था। इसे "किबिसिस" कहते थे, जो भगवान हेर्मीस के बैग जैसा दिखता था।
- प्राचीन रोम: यहाँ चमड़े के पाउच का इस्तेमाल सिक्के रखने के लिए होता था।
मध्य युग:
- इस समय वॉलेट का इस्तेमाल ज़्यादातर खाना रखने के लिए होता था।
- धीरे-धीरे इसमें पैसे और ज़रूरी कागज़ात भी रखे जाने लगे।
आधुनिक काल:
- 17वीं शताब्दी: कागज़ के नोट आने के बाद वॉलेट का आकार बदलने लगा और यह पतला और चपटा होने लगा।
- 19वीं शताब्दी: अमेरिका में औद्योगिक क्रांति के दौरान वॉलेट का इस्तेमाल आम हो गया। तंबाकू रखने के लिए स्पेन में भी वॉलेट का खूब इस्तेमाल होता था।
- 20वीं शताब्दी: क्रेडिट कार्ड के आने के बाद वॉलेट में कार्ड रखने के लिए अलग जगह बनाई जाने लगी।
आज:
21वीं सदी:
- टेक्नोलॉजी का प्रभाव: वॉलेट में अब RFID ब्लॉकिंग जैसी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल होने लगा है, ताकि डिजिटल चोरी से बचा जा सके।
- नए डिज़ाइन: आजकल minimalist wallets काफ़ी प्रचलन में हैं, जो छोटे और कम जगह घेरते हैं।
- पर्यावरण के अनुकूल: चमड़े के बजाय recycled materials से बने वॉलेट का चलन बढ़ रहा है।
भविष्य:
- बायोमेट्रिक वॉलेट: ऐसे वॉलेट जिन्हें fingerprint या facial recognition से खोला जा सके।
- वर्चुअल रियलिटी वॉलेट: जो virtual world में भी इस्तेमाल किए जा सकें।
- क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट: जो digital currencies को सुरक्षित रख सकें।
भारत में वॉलेट का इतिहास:
- प्राचीन काल: भारत में "बटुआ" का इस्तेमाल मुग़ल काल से होता आ रहा है।
- आधुनिक काल: पहले ज़्यादातर चमड़े के बटुए इस्तेमाल होते थे, लेकिन अब कपड़े और प्लास्टिक के बटुए भी आम हैं।
- डिजिटल क्रांति: Paytm, PhonePe, Google Pay जैसे डिजिटल वॉलेट ने भारत में क्रांति ला दी है। अब ज़्यादातर लोग online payments के लिए इनका इस्तेमाल करते हैं।
वॉलेट और सामाजिक दर्जा:
- प्राचीन रोम: यहाँ "लोकेलस" नामक वॉलेट का इस्तेमाल होता था, जिसका आकार और सजावट व्यक्ति के सामाजिक स्तर को दर्शाते थे।
- मध्य युग: इस समय वॉलेट अक्सर कमर पर लटकाए जाते थे, जो शक्ति और प्रतिष्ठा का प्रतीक माना जाता था।
- आधुनिक काल: आज भी कुछ महंगे ब्रांड के वॉलेट को status symbol माना जाता है।
वॉलेट और संस्कृति:
- जापान: यहाँ वॉलेट को "साइफ़ु" कहते हैं और इसे साफ़-सुथरा रखना शुभ माना जाता है।
- अफ्रीका: यहाँ वॉलेट अक्सर हाथ से बनाए जाते हैं और उन पर पारंपरिक डिज़ाइन बनाए जाते हैं।
- भारत: यहाँ "बटुआ" को धन और समृद्धि से जोड़ा जाता है। दिवाली जैसे त्योहारों पर नया बटुआ खरीदना शुभ माना जाता है।
वॉलेट के कुछ रोचक तथ्य:
- दुनिया का सबसे पुराना वॉलेट लगभग 5,500 साल पुराना है, जो एक आइसमैन के साथ मिला था।
- "गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स" के अनुसार, दुनिया का सबसे बड़ा वॉलेट 19.4 मीटर लंबा और 8.2 मीटर चौड़ा है!
- कई लोगों के लिए वॉलेट सिर्फ़ पैसे रखने की चीज़ नहीं, बल्कि यादों का खज़ाना भी होता है। उनमें पुरानी तस्वीरें, चिट्ठियाँ और अन्य यादगार चीज़ें भी रखी जाती हैं।