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रक्षाबंधन का त्यौहार इस बार सोमवार, 22 अगस्त 2021 को मना रहे हैं । त्यौहारों का लिस्ट रक्षाबंधन से शुरू हो जाता है तो यह और भी आनंददायक एवं सम्मानजनक हो जाता है । भाई बहनों के लिए यह त्यौहार रक्षा, आदर्श और प्रेम का अनुभव कराता है । भाई बहन इस दिन एक दूसरे के साथ हो ना हो लेकिन एक दूसरे की कमी हमेशा महसूस करते है। एक दूसरे को पता होता है कि धरती पर मां बाप के अलावा भाई या बहन ही एक दूसरे के लिए काम आते हैं एक दूसरे की रक्षा करते हैं । जहां भाई बहन की रक्षा करने के लिए हमेशा आगे रहता है तो वही बहन भाई के सम्मान और उसके अस्तित्व को ऊंचा बनाए रखने के लिए हमेशा तैयार रहती है । बहन हमेशा कोशिश करती है कि भाई का सिर हमेशा गर्व से ऊंचा रहे ।

राखी गिफ्ट के साथ एक दूसरे को अच्छे-अच्छे फेस मास्क दे सकते हैं ।

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पिछले दो सालों से कोरोनावायरस पूरी दुनिया में पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है और इस बार भी रक्षाबंधन कोरोना समय में पड़ा है । बहने चाहे तो मिठाई के साथ भाई को अच्छे-अच्छे मास्क भी दे सकती हैं । और भाई को भी चाहिए कि गिफ्ट के साथ मास्क अवश्य दें और एक दूसरे का ख्याल रखने की कसम खाएं । बाहर की मिठाइयों की जगह घर में बनी मिठाइयों का इस्तेमाल करें 

शुद्ध देशी राखियां Indian Rakhi


रक्षाबंधन की सबसे बड़ी खास बात इस इस बार यह होगी कि चीन का कोई भी सामान राखी के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाएगा । अबकी बार राखी पूरी तरह से शुद्ध हिंदुस्तानी होगी । हम सबको पता है कि भारतीयों ने चीन के खिलाफ ट्रेड वॉर छेड़ रखा है किसी भी तरह हम चीनियों को सबक सिखा कर रहेंगे । क्योंकि चीनियों ने हर भारतीय के भावनाओं के साथ बहुत बड़ा खिलवाड़ किया है हमारे फौजी भाइयों को धोखे से मारा है ।

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बहुत कम लोगों को पता है कि चीन की अर्थव्यवस्था में भारत का बहुत बड़ा योगदान है । क्योंकि हम भारतीय जिससे बहुत सारा सामान आयात करते हैं जिसके बदले में चीनियों को बहुत बड़ी धनराशि चली जाती है । परंतु अब हम चीन को एक पैसे नहीं देने वाले  हमें उनके सामानों का बहिष्कार करना है और इस मुहिम को और तेज करना हैं । 100 से ज्यादा चीनी ऐप को बंद करके हम लोगों ने चीन को बड़ी चोट दे दी है । अभी और देनी है यह तो अभी शुरूआत है ।

अब बहनें दे रही है चीन को करोड़ों रुपए का झटका


Happy Rakshabandhan
Bhartiya Rakhi

दो साल पहले भारत में केवल राखी के त्यौहार में 6 हज़ार करोड़ का व्यापार हुआ था जिसमें चार हजार करोड़ का सामान चीन से आयात किया गया था जिसे राखी तैयार करने में इस्तेमाल किया जाता था । इस तरह से देखा जाए तो राखी का पूरा मार्केट चीन पर निर्भर हो गया था परंतु अब और नहीं । 

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कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (Confederation Of All India Traders) ने 10 जून 2020 से देशभर में एक मुहिम चला रखी है "भारतीय सामान हमारा अभिमान" मतलब चीन के सामानों का पूरी तरह से बहिष्कार । इस बार छोटे बड़े व्यापारियों ने एकजुटता दिखाते हुए ठान रखा है कि हम चीनी राखियों  की जगह भारतीय राखी ही बेचेंगे इसके लिए देश के सभी लघु एवं कुटीर उद्योगों से संपर्क करके ऑर्डर भी दे दिए गए हैं ।

कैसे तैयार हो रही है राखियां

Beautiful Rakhi

कैट (Confederation Of All India Traders-CAT) के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतीया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल के अनुसार महिला उद्यमी, आंगनबाड़ी, घरों में काम करने वाली महिलाएं, कच्ची बस्ती में रहने वाली महिलाओं से राखियां बनाने के लिए कहां गया है । और राखियां बनाने का काम शुरू भी हो गया है। राखी के साथ रोली चावल का भी पैकेट बनाया जा रहा है । इस तरह राखी, रोली, चावल, मिश्री व मिठाइयों का एक सेट भी बनाया जा रहा है जो एक थाली में सजी  होगी   । कोशिश की जा रही है कि ज्यादा से ज्यादा मात्रा में राखी सभी शहरों में पहुंचा दिया जाए।
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अपनी कोशिश के तहत दिल्ली, नागपुर, भोपाल, ग्वालियर, सूरत, कानपुर, तिनसुकिया, गुवाहाटी, रायपुर, भुनेश्वर, कोल्हापुर, जम्मू,बंगलुरु, हैदराबाद, चेन्नई, मुंबई, पुडुचेरी, अहमदाबाद, लखनऊ, वाराणसी, झांसी, इलाहाबाद आदि शहरों में राखियां बनवा कर व्यापारियों को वितरित करने का काम शुरू कर दिया गया है ।

रक्षाबंधन Vocal for Local और आत्मनिर्भर भारत


चीन के सामानों के बहिष्कार के बाद Vocal for Local के तहत लोग नई-नई खोज में लग गए हैं और कुछ लोग अपनी पारंपरिक वस्तुओं का ब्रांडिंग करके दूर मार्केट में पहुंचा रहे हैं । जिस तरह से स्थानीय वस्तुओं का महत्व लोग समझने लगे हैं उसे देखकर ऐसा लग रहा है भारत जल्द ही आत्मनिर्भर बन जाएगा 

बांस की बनी राखियां Bamboo's Rakhi

  Bamboo's Rakhi

मुंबई शहर के करीब पालघर के विक्रमगढ़ की ग्रामीण महिलाएं बांस की राखियां बना रही है जो आजकल चर्चा का विषय बना हुआ है 10 गांव की लगभग 300 महिलाएं अपने हाथ से बनी राखियों से देश-विदेश में नाम ऊंचा कर रही है अब तक 50000 आसपास की राखियां बनाई जा चुकी है और लगभग 10 लाख लाख की का आर्डर भी ले चुकी है