ई-रूपी क्या है ? यह कैसे काम करता है ? इससे किसको फायदा होगा ? और इससे नुकसान किसको होगा ? जानिए आसान भाषा में
Image Source:finshots.in |
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पिछले लगभग दो सालों से शेयर मार्केट की दुनिया में आईपीओ (IPO-Initial Public Offering) को लेकर जबरदस्त चर्चा हो रही है । जिस प्रकार से कंपनियों द्वारा आईपीओ पब्लिक के बीच लाए जा रहे हैं उससे साफ पता चलता है कि आम आदमी भी शेयर मार्केट में रुचि रखने लगा है और अपने पूंजी का एक हिस्सा शेयर मार्केट और आईपीओ में लगाकर कम समय में ज्यादा मुनाफा कमा रहे हैं ।
आज के पढ़े-लिखे युवा भी शेयर मार्केट के पुराने डर को भूल कर अपनी छोटी सी पॉकेट मनी भी शेयर मार्केट में लगा रहे हैं । क्योंकि उन्हें पता है कि शेयर मार्केट ही एक ऐसा जरिया है जिससे कम समय में ज्यादा पैसा कमाया जा सकता है इसके लिए रिस्क लेने की क्षमता भी रखने लगे हैं ।
इसी श्रेणी में आईपीओ अपने पैसे को ज्यादा करने के लिए एक बेहतर विकल्प है अगर आईपीओ आवेदन करने से पहले कंपनी और उसके आने वाले आईपीओ के बारे में अच्छी तरह अध्ययन कर लिया जाए तो किसी भी व्यक्ति के लिए आईपीओ कमाई का एक अच्छा जरिया बन सकता है । तो आइए जानते हैं आईपीओ के बारे में कुछ छोटी मोटी बातें
दुनिया का पहला आईपीओ डच ईस्ट इंडिया कंपनी (Dutch East India Company) ने मार्च 1602 में लांच किया था । इस कंपनी ने पूंजी जुटाने के लिए कंपनी के शेयरों को जनता के सामने लाया इस प्रकार डच ईस्ट इंडिया कंपनी जनता को आईपीओ, शेयर, स्टॉक में सम्मिलित करने वाली दुनिया की पहली कंपनी बन गई ।
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इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि रिलायंस की सोच कितनी दूरदर्शी थी । रिलायंस के आईपीओ लॉन्च करने के ठीक 15 साल बाद April 12, 1992 को सेबी की स्थापना की गई थी । आज रिलायंस की वजह से आम आदमी भी किसी भी कंपनी में अपनी हिस्सेदारी खरीद सकता है वह भी एक छोटी पूंजी से ।
आईपीओ क्या है इसे एक उदाहरण के माध्यम से समझते हैं, मान लेते हैं ABC Limited एक कंपनी है जो सफल और अच्छी स्थिति में व्यापार कर रही है परंतु उसको ऋण भी चुकाना है, साथ ही साथ अपने व्यवसाय का विस्तार भी करना है ।
ऐसी स्थिति में ABC Limited को पूंजी की जरूरत होगी । अब पूंजी जुटाने के लिए कंपनी के पास दो रास्ते हैं या तो कंपनी लोन ले, जिसमें लोन का मूलधन तो वापस करना ही होगा, साथ ही साथ उसको उसका ब्याज भी चुकाना पड़ेगा । जिसमें कंपनी के ऊपर अतिरिक्त दबाव बढ़ेगा ।
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वही पूंजी जुटाने का दूसरा रास्ता आम आदमी को कंपनी में हिस्सेदार बनाना है । इसमें कंपनी द्वारा निवेशक को कोई ब्याज या मूलधन वापस नहीं करना पड़ता है । यदि कंपनी को लाभ होता है तो आम आदमी या निवेशक को निवेसित पूंजी के अनुपात में लाभ मिल जाता है । इसके विपरीत यदि हानि होती है तो निवेसित पूंजी की मात्रा में हानि को बांट दिया जाता है ।
इस प्रकार से कंपनी को पूंजी तो मिल ही जाती है साथ में जोखिम भी कम हो जाता है । निवेशक के द्वारा कंपनी में लगाए गए इसी पूंजी को कंपनी का शेयर कहते हैं । और जब इसी शेयर को कंपनी द्वारा निवेशकों या आम आदमी को देने के लिए पहली बार आमंत्रित किया जाता है तो इसे आईपीओ कहा जाता है मतलब प्रारंभिक सार्वजनिक प्रस्ताव (IPO-Initial Public Offering)
IPO-Initial Public Offering जारी करना मार्केट या पब्लिक से पैसा लेने का एक शानदार विकल्प है । किसी भी कंपनी को कंपनी विस्तार या व्यापार विस्तार के लिए पर्याप्त पैसे की जरूरत होती है चाहे व्यवसाय में सुधार करना हो, कंपनी के मूलभूत ढांचे को मजबूत करना हो या कंपनी द्वारा लिए गए ऋण को चुकाना हो ।
ऐसे में आईपीओ एक बेहतर और मजबूत साधन होता है । "सार्वजनिक होने वाली एक कंपनी का मतलब है कि ब्रांड को स्टॉक एक्सचेंज में अपना नाम चमकाने के लिए पर्याप्त सफलता मिली है यह किसी भी कंपनी के लिए गर्व की बात होती है ।"
2021-22 में सरकार एलआईसी की आईपीओ लाने की तैयारी में है । अगर इस आईपीओ के लिए आवेदन किया जाता है तो आईपीओ मिलने पर रकम दुगनी से अधिक हो सकती है । एलआईसी के एक विशेष योजना के तहत अपने पॉलिसी धारकों के लिए अलग से आईपीओ आरक्षित की है । या आईपीओ 2022 के March में आ सकता है या 2022 के पहले क्वार्टर में । एक सूचना के अनुसार यह आईपीओ दो भागों में आ सकता है । अगर आप इस आईपीओ में आवेदन करना चाहते हैं तो अपने और घर में सभी सदस्यों का डिमैट अकाउंट पहले से खोज सकते हैं ।
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रेडिएशन एक ऐसा शब्द है जिसके बारे में सुनते ही मन में गंभीर बीमारियों का ख्याल आने लगता है । वर्तमान दौर में रेडिएशन वातावरण में इस कदर फैला हुआ है जिससे बचना नामुमकिन सा हो गया है ।
वैज्ञानिक खोजों ने मानव जीवन को जितना आसान बनाया है उतना ही मानव बीमारियों की संभावनाओं को बढ़ा दिया है । अगर वैज्ञानिक खोजों का सही तरीके से इस्तेमाल नहीं किया गया तो वैज्ञानिक खोजों का गंभीर दुष्परिणाम मानव समाज पर पड़ेगा ।
रेडिएशन भी वैज्ञानिक खोजों का ही दुष्परिणाम है उन्हीं में से एक खोज मोबाइल फोन भी है जिसमें ब्लूटूथ, वाईफाई, हॉटस्पॉट, वाइब्रेशन मोड इत्यादि है ।
SAR Value का पूरा नाम Specific Absorption Rate है जिसका स्टैंडर्ड रेट 1.6 watt/kg होता है । सार वैल्यू रेडिएशन को मापने का एक मापक है ।
आपके के मोबाइल का रेडिएशन रेट 1.6 watt/kg से जितना ज्यादा होगा आपका मोबाइल आपके शरीर के लिए उतना ही हानिकारक होगा ।
अगर आपके मोबाइल का रेडिएशन रेट 1.6 watt/kg से कम है तो आपका मोबाइल आपके शरीर के लिए उतना ही कम हानिकारक है ।
अगर आप का मोबाइल पुराना है और डब्बा खो गया है या नहीं है ऐसी स्थिति में आपको अपने मोबाइल फोन से यह नंबर (*#07#) डायल करना होगा, नंबर डायल करते ही आपके मोबाइल का SAR Value आपके स्क्रीन पर दिखाई देगा ।
मोबाइल फोन और ढेर सारे गैजेट्स के रेडिएशन से पूरी तरह से बचने के लिए अभी तक एक मात्र एक ही उपाय है कि इन मोबाइल फोन या गजट को अवॉइड करें । जो आज के समय में असंभव सा है परंतु रेडिएशन को कम जरूर किया जा सकता है ।
नीचे कुछ मोबाइल फोन के नाम दिए जा रहे हैं साथ ही उनका SAR Value रेट भी है आप चाहे तो इन स्मार्टफोन का इस्तेमाल कर सकते हैं या बाजार से खरीद सकते हैं ।
देखा जाए तो बाजार में सरकारी मापदंडों को देखते हुए सारे फोन SAR Value रेट के हिसाब से ही बेचे जा रहे हैं । तो कोई भी नया फोन खरीद के समय मोबाइल के डिब्बे पर SAR Value अवश्य चेक करें तभी फोन खरीदे ।
MODEL | SAR VALUE |
Redmi Note 8 | 0.25W/kg |
Samsung Galaxy M31 | 0.38W/kg |
Realme Narzo 10 | 0.86W/kg |
Redmi Note 9 Pro Max | 0.88W/kg |
Redmi Note 9 Pro | 0.90W/kg |
OnePlus 8 Pro | 0.96W/kg |
OnePlus 8 | 0.96W/kg |
Xiaomi Mi 10 | 1.04W/kg |
POCO X2 | 1.08W/kg |
Samsung Galaxy A31 | 1.13W/kg |
Redmi Note 8 Pro | 1.13W/kg |
Realme 6 | 1.14W/kg |
iPhone SE 2020 | 1.17W/kg |
Realme X3 | 1.19W/kg |
Realme 6 Pro | 1.19W/kg |
डॉक्टर जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रहे मरीजों का न सिर्फ इलाज करते हैं बल्कि उन्हें एक नया जीवन भी देते हैं । इसलिए उन्हें धरती पर भगवान का रूप कहा जाता है डॉक्टरों के समर्पण और इमानदारी के प्रति सम्मान जाहिर करने के लिए हर साल 1 जुलाई को नेशनल डॉक्टर्स डे मनाया जाता है । आखिर क्यों हर साल 1 जुलाई को भारत में इसे मनाया जाता है ? क्या है इसके पीछे की वजह ?
Happy Doctor's Day |
देश के प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ बिधान चंद्र राय को श्रद्धांजलि और सम्मान देने के लिए उनकी जयंती और पुण्यतथि पर इसे मनाया जाता है । उनका जन्म 1 जुलाई 1882 में बिहार के पटना जिले में हुआ था । कोलकाता में मेडिकल की शिक्षा पूरी करने के बाद डॉ बिधान चंद्र राय MRCP और FRCS की उपाधि लंदन से प्राप्त की। उन्होंने साल 1911 भारत में जीवन की शुरुआत की ।
डॉ बिधान चंद्र राय का चिकित्सा के क्षेत्र में बहुत महत्वपूर्ण योगदान रहा है । उन्होंने लंदन के सेंट बार्टोलोमियू हॉस्पिटल से डॉक्टरी की पढ़ाई की कोशिश की । लेकिन उस समय उनके भारतीय होने की वजह से उन्हें दाखिला नहीं दिया गया । विधान चंद्र राय ने हार नहीं मानी और तकरीबन डेढ़ महीने तक हॉस्पिटल के डिन के पास आवेदन भेजते रहे ।
आखिर में हॉस्पिटल के डिन ने हार मान कर डॉ बिधान चंद्र राय के 30वी बार एप्लीकेशन देने के बाद उनको दाखिला दे दिया । पढ़ाई के बाद भारत लौटकर डॉ बिधान चंद्र राय ने चिकित्सा के क्षेत्र में विस्तृत काम किया ।
Roy in 1943 Courtesy:wikipedia.org |
डॉ बिधान चंद्र राय का जन्म 1 जुलाई 1882 को हुआ था और सौभाग्य से उनकी मृत्यु भी 1 जुलाई को ही हुई थी लेकिन इस बार साल 1962 था । वही महान फिजीशियन डॉ बिधान चंद्र राय पश्चिमी बंगाल के दूसरे मुख्यमंत्री भी रहे । उन्हें दूरदर्शी नेतृत्व के लिए पश्चिम बंगाल राज्य का आर्किटेक्ट भी कहा जाता है । 4 फरवरी 1961 में उन्हें भारत की सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया था ।
भारत में इसकी शुरुआत 1991 में तत्कालीन सरकार द्वारा की गई थी । तब से लेकर आज तक 1 जुलाई को नेशनल डॉक्टर्स डे मनाया जाता है । भारत के महान चिकित्सक और पश्चिम बंगाल के दूसरे मुख्यमंत्री को सम्मान और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए यह दिवस मनाया जाता है ।
पिछले साल 2020 का थीम था "Lessen the mortality of COVID-19" लेकिन इस बार नेशनल डॉक्टर डे का थीम Building the future with family doctors" है ।
Silent Cyclone |
पिछले कई सालों से हम देख रहे हैं कि समुद्र के तरफ से आने वाले तूफान और चक्रवात ने मानव समाज के लिए मुसीबतें पैदा कर दी हैं । जिसमें जान-माल की हानि के साथ साथ मनुष्य के काम आने वाली प्राकृतिक संपदाओं को भी नुकसान पहुंचाया है । इसके चपेट में आने वाले गांव या शहर बुरी तरह से प्रभावित हो जाते हैं ।
लगातार और असमय बारिश भी फसलों को बर्बाद कर देती है । इंसान प्रकृति को बदल तो नहीं सकता है परंतु समय रहते जान माल की हानि से बच सकता है । आज इस भाग में हम आपको तूफानों के अजीबोगरीब और हास्यप्रद नाम के बारे में बताएंगे । नाम सुनने या पढ़ने में अजीबोगरीब या हास्यप्रद भले ही लगे लेकिन इन नामों ने बहुत-बड़ी तबाही मचाई है ।
Powerful Cyclone-Storm |
कुटुंब ऐप एक संगठन, संस्था, समूह अथवा विशेष वर्ग के लिए काम करता है । इस ऐप को चलाने वाला व्यक्ति किसी खास वर्ग का सदस्य होता है । जो किसी विशेष काम को करने के लिए यहां एक दूसरे से जुड़े होते हैं । इस ऐप के माध्यम से अपनी बातों को बड़ी आसानी से अपने समुदाय में बता सकते हैं ।
कुटुंब ऐप की सबसे अच्छी और खास बात यह है कि सभी एक खास मकसद के लिए काम करते हैं । कुटुंब ऐप सोशल मीडिया का काम तो करता ही है साथ में पर्सनल वेबसाइट और ऐप का भी काम करता है । यह ऐप अपनी बातों को कहने की पूरी आजादी देता है इसके अलावा आप अनजान लोगों से बात नहीं करना चाहते तो उसके लिए भी विकल्प देता है ।
कुटुंब ऐप दूसरे धर्म अथवा समुदायों में नफरत फैलने से रोकता है । इस ऐप की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि एक ही समुदाय के लोगों के होने से लोगों में नफरत नहीं होती । यहां सभी अपने अपने समुदाय संगठन को आगे बढ़ाते हैं । इस ऐप को बनाने वाले लोगों का नारा है "भारत से भारत के लिए"
जिस प्रकार किसी भी ऑफिस में अथवा संगठन में एक सॉफ्टवेयर होता है जिसमें उस संस्था के सारे लोग जुड़े होते हैं और अपने अपने काम को करते हैं ठीक वैसे ही कुटुंब ऐप काम करता है साथ ही साथ यह सोशल मीडिया का भी विकल्प देता है । हमारे देश के बहुत से संसाधन विदेशों के लिए काम करते हैं परंतु अब देश का संसाधन देश के लिए काम करें यही कुटुंब ऐप का उद्देश्य है ।
Kutumb app Features |
सभी का मकसद एक होने की वजह से मतभेद जल्दी ही दूर भी हो जाता है । व्हाट्सएप ग्रुप हमें सिर्फ 256 लोगों को जोड़ने की अनुमति देता है जबकि कुटुंब में कोई सीमा नहीं रखी गई है चाहे जितना मर्जी हो सदस्य ग्रुप में जुड़ सकते हैं । अगर फेसबुक की बात करें तो यहां कोई मकसद नहीं होता सिर्फ टाइमपास और ऐड प्रमोशन होता है जिसका सारा फायदा फेसबुक को जाता है । परंतु कुटुंब ऐप में जुड़ने वाले लोग किसी खास मकसद के लिए यहां आते हैं मतलब कि कोई टाइम पास नहीं और ना ही कोई ऐड प्रमोशन होता है ।
किसी भी सोशल मीडिया के लिए डाटा प्राइवेसी और डेटा संरक्षण सबसे अहम बात होती है । हाल ही में फेसबुक और व्हाट्सएप की डाटा प्राइवेसी को लेकर बहुत बवाल मचा हुआ था और हो भी क्यों ना जब सवाल ने व्यक्तिगत और गोपनीयता का हो तो । फेसबुक और व्हाट्सएप जैसे सोशल मीडिया एप हमारे बहुत से महत्वपूर्ण डाटा हमसे पहले ही ले लेते हैं ।
कुटुंब एप डाटा के नाम पर सिर्फ मामूली जानकारी ही लेता है वह भी सारा डाटा अपने देश की शहर बेंगलुरु में रखा जाता है । जबकि व्हाट्सएप और फेसबुक जैसे सोशल मीडिया एप हमारा डाटा विदेशों में रखते हैं जिसकी कोई गारंटी भी नहीं होती । कुटुंब ऐप आपका सारा डाटा पूरी तरह सावधानी के साथ सुरक्षित रखा जाता है ।
कुटुंब ऐप पूरी तरह से शुद्ध स्वदेशी भारतीय ऐप है जिसमें लगातार भारतीय यूजर बढ़ते ही जा रहे हैं । आने वाले वक्त में यह बहुत सारे अपडेट लाएगा जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाएगा । इसकी लोकप्रियता लोगों में बहुत तेजी से बढ़ती जा रही है इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह ऐप कितनी तेजी से लोगों के बीच में अपनी जगह बनाता जा रहा है ।
Download &Google ratings |
कुटुंब को बनाने वाले सदस्य बहुत ही मेहनत करके इस ऐप को बनाया है जिनके नाम नीचे दिए जा रहे हैं
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रेल यात्राएं हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। आपने शायद यह महसूस किया होगा कि रात के समय ट्रेनें दिन की तुलना में तेज गति से चलती हैं...
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