Postpe by Bharat pay, खर्च करो पहले भरो एक महीने बाद
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पोस्ट पे एप्लीकेशन क्या है ? Post pay
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"कागजों की तहरीरों पर सीमटी जज्बातों की बातें, हालात की बातें, तो हाल चाल की बातें, उस कागज के पुर्जे को खत कहा करते थे, पत्र कहा करते थे, तो चिट्ठी कहा करते थे । एक चिट्ठी के आने का इंतजार इतनी शिद्दत से होती थी कि उसके मिलने पर खुशियों का कोई ठिकाना नहीं होता था ।"
Indian post office Logo |
लेकिन तकनीकी ने चिट्ठियों के सफर पर विराम लगा दिया । अब वे चिट्टियां ना तो लिखी जाती हैं और ना ही पढ़ी जाती हैं । लेकिन उन चिट्ठियों की यादें भरपूर जिंदा है आधुनिक दौर में चिट्ठी गुम हो गई है और हम भी अपनों से दूर हो चले हैं ।
9 अक्टूबर 2022 को विश्व डाक दिवस है इस मौके पर कुछ चिट्ठियों के सफर और डाकखाने पर एक नजर डाल रहे हैं साल 1874 में 9 अक्टूबर के दिन यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन (UPU-Universal Postal Union) बनाने के लिए 22 देशों ने अपनी सहमति दी थी । सालों बाद 1967 में जापान के टोक्यो के एक आयोजन में 9 अक्टूबर को विश्व डाक दिवस के तौर पर मनाने का फैसला लिया गया । इसका मकसद था कि नागरिकों को डाक सुविधा से जोड़ा जाए और उनमें इसके लिए जागरूकता पैदा किया जाए । दुनिया के 142 देशों में पोस्टल कोड है जोकि यूनिवर्सल पोस्टल सेवा (UPS-Universal Postal Services) के तहत आते हैं ।
हर साल विश्व डाक दिवस अलग-अलग थीम के अनुसार में मनाया जाता है । इस दिन थीम के अंतर्गत ही काम किए जाते हैं । इस बार विश्व डाक दिवस 2022 का थीम "Post for Planet" है ।
भारत में शुरू से ही डाक प्रणाली बहुत ही आधुनिक तरीके से इस्तेमाल किया जाता रहा है । भारत की डाक व्यवस्था पूरी दुनिया में एक उदाहरण माना जाता है क्योंकि यहां सबसे ज्यादा डाक इस्तेमाल किया जाता रहा है । भारत में दुनिया की सबसे बड़ी पोस्टल सर्विस (Postsl Service) है । जहां डेढ़ लाख से भी ज्यादा पोस्ट ऑफिस देश के कोने कोने में मौजूद हैं । भारत में पिन कोड नंबर के आधार पर चिट्टियां बांटी जाती है पिन कोड तय किए जाने की शुरुआत 15 अगस्त 1972 में हुई थी ।
पोस्ट ऑफिस केवल पुरानी इमारतें या फिर लाल डिब्बे वाले नहीं बल्कि कई पोस्ट ऑफिस अपने अनोखेपन की वजह से भी टूरिस्ट स्पॉट बन चुके हैं । इनमें से कुछ ऐसे हैं जैसे कि कश्मीर में तैरने वाला डल झील में बोट हाउस पर तैरता हुआ डाकघर । इसी तरह से वियतनाम में दुनिया का सबसे खूबसूरत पोस्ट ऑफिस है जिसे देखने के लिए दुनिया के कोने कोने से सैलानी आते हैं । Republic of Vanuatu में पानी में मछलियों के बीच पोस्ट बॉक्स रखा गया है जोकि वाटर प्रूफ है ताकि चिट्टियां गीली ना हो जाए और सुरक्षित अपने गंतव्य स्थान तक पहुंचाई जा सके ।
हर साल 29 सितंबर को World Heart Day यानी विश्व हृदय दिवस मनाया जाता है । इस दिन को हृदय रोग के बारे में लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल तरह तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है विश्व ह्रदय दिवस पर हृदय से जुड़ी अलग-अलग संस्थाएं भी लोगों को जागरूक करती हैं ।
विश्व हृदय दिवस 1999 में वर्ल्ड हर्ट एसोसिएशन (World Heart Association) के निदेशक Anthony Bes De Luna के पहल पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO-World Health Organization) ने इस दिवस को मनाने व हृदय से जुड़ी ढेर सारी जानकारियां लोगों में प्रसारित करने के लिए इस दिन को विश्व हृदय दिवस के रूप में चुना । और बताया कि इस खास दिन को हृदय से जुड़ी समस्याओं व रोगों के बारे में जितना भी हो सके ज्यादा से ज्यादा लोगों में जागरूकता फैलाई जाए ।
जिससे कि लोग अपने स्वास्थ्य अपने हृदय की देखरेख संपूर्ण रूप से स्वयं करें और एक लंबा जीवन जीने का अनुभव प्राप्त करें ।पहले यह दिवस सितंबर के आखिरी रविवार को मनाया जाता था । परंतु 2014 में इस दिवस को मनाने के लिए 29 सितंबर की तारीख निर्धारित की गई । तब से लेकर आज तक प्रत्येक वर्ष ह्रदय दिवस 29 सितंबर को मनाया जाने लगा ।
भारत में हर पांचवा व्यक्ति दिल का मरीज है वर्ल्ड हर्ट फेडरेशन (World health Fedration) के अनुसार ह्रदय संबंधी बीमारियों से हर साल करीब 18 मिलियन मरीजों की मौत हो जाती है । देखा जाए तो यह दिवस भारत के लिए सबसे महत्वपूर्ण है क्योंकि पूरे विश्व की एक बड़ी आबादी इस देश में रहती है। इस तरह से सबसे ज्यादा जागरूकता की आवश्यकता भारत में रहने वाले लोगों को है । भारत में अभी भी स्वास्थ्य के प्रति बहुत सारी सुविधाएं विकसित करनी बाकी है ।
इस बार विश्व हृदय दिवस का 29 सितंबर 2022 का थीम "Use heart for heart" रखा गया है। वहीं पिछले 5 सालों में विश्व हृदय दिवस का थीम इस प्रकार था
Spread Education |
जीवन के लिए भोजन के साथ-साथ साक्षर होना, शिक्षित होना भी अत्यंत आवश्यक है । शिक्षा को अंग्रेजी में एजुकेशन कहते हैं, एजुकेशन एक लैटिन शब्द एड्यूकारी से आता है अर्थात "हमारा हमसे ही परिचय" एजुकेशन शब्द खुद हमसे डिमांड करता है कि हम खुद को जाने, खुद को सही रूप से समझें, जैसे जैसे हमारा चरित्र बढ़ता जाता है वैसे ही शिक्षा का विस्तार भी होता है ।
इसका सबसे शुद्ध और विख्यात उदाहरण बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर जी को समझा जा सकता है । उन्होंने शिक्षा और साक्षरता के दम पर भारत का संविधान लिख दिया और लोगों को शिक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए प्रेरित भी किया । और बताया कि शिक्षा और साक्षरता के दम पर आप अपने जीवन को बेहतर बना सकते हैं । नेल्सन मंडेला जी ने एक समय पर कहा था कि "शिक्षा एक शक्तिशाली हथियार है जिसके प्रयोग से आप दुनिया बदल सकते हो ।"
"Education is the most powerful weapon which you can use to change the world"
- Nelson Mondela
Right to Education |
17 नवंबर सन 1965 को यूनेस्को (Unesco-United Nations Educational, Scientific and Cultural Organization) ने 8 सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस घोषित किया । इसको पहली बार 1966 में मनाया गया, इसका उद्देश्य व्यक्तिगत, सामुदायिक एवं सामाजिक रुप से साक्षरता के महत्व पर प्रकाश डालना है । साक्षर का अर्थ होता है शिक्षित होना परंतु शिक्षित होने का अर्थ केवल अक्षर ज्ञान एवं पढ़ाई लिखाई ही नहीं होता । बल्कि इसका अर्थ है कि व्यक्ति को अपने कर्तव्य व अधिकारों का ज्ञान हो जिससे उसका शोषण ना हो और वह एक सफल जीवन जिए ।
विश्व साक्षरता दिवस मनाने को लेकर पहली बार सन 1966 में 8 से 19 सितंबर के बीच ईरान के तेहरान में शिक्षा के मंत्रियों के द्वारा विश्व सम्मेलन के दौरान चर्चा की गई । इसके बाद 26 अक्टूबर 1966 से यूनेस्को ने 14वीं जनरल कॉन्फ्रेंस में घोषणा करते हुए कहा कि अब से हर साल दुनिया भर में विश्व साक्षरता दिवस मनाया जाएगा ।
इस बार विश्व साक्षरता दिवस 2021 का थीम Literacy for a human-centred recovery रखा गया है । इसके पहले वर्ष 2020 में विश्व साक्षरता दिवस की थीम Litarcy teaching and learning in the Covid-19 crisis and beyond थी । वर्ष 2019 में विश्व साक्षरता दिवस की थीम Litarcy and multilingual थी तो वर्ष 2018 में विश्व साक्षरता दिवस की थीम Litarcy and skill development रखी गई थी ।
Image Source:finshots.in |
पिछले लगभग दो सालों से शेयर मार्केट की दुनिया में आईपीओ (IPO-Initial Public Offering) को लेकर जबरदस्त चर्चा हो रही है । जिस प्रकार से कंपनियों द्वारा आईपीओ पब्लिक के बीच लाए जा रहे हैं उससे साफ पता चलता है कि आम आदमी भी शेयर मार्केट में रुचि रखने लगा है और अपने पूंजी का एक हिस्सा शेयर मार्केट और आईपीओ में लगाकर कम समय में ज्यादा मुनाफा कमा रहे हैं ।
आज के पढ़े-लिखे युवा भी शेयर मार्केट के पुराने डर को भूल कर अपनी छोटी सी पॉकेट मनी भी शेयर मार्केट में लगा रहे हैं । क्योंकि उन्हें पता है कि शेयर मार्केट ही एक ऐसा जरिया है जिससे कम समय में ज्यादा पैसा कमाया जा सकता है इसके लिए रिस्क लेने की क्षमता भी रखने लगे हैं ।
इसी श्रेणी में आईपीओ अपने पैसे को ज्यादा करने के लिए एक बेहतर विकल्प है अगर आईपीओ आवेदन करने से पहले कंपनी और उसके आने वाले आईपीओ के बारे में अच्छी तरह अध्ययन कर लिया जाए तो किसी भी व्यक्ति के लिए आईपीओ कमाई का एक अच्छा जरिया बन सकता है । तो आइए जानते हैं आईपीओ के बारे में कुछ छोटी मोटी बातें
दुनिया का पहला आईपीओ डच ईस्ट इंडिया कंपनी (Dutch East India Company) ने मार्च 1602 में लांच किया था । इस कंपनी ने पूंजी जुटाने के लिए कंपनी के शेयरों को जनता के सामने लाया इस प्रकार डच ईस्ट इंडिया कंपनी जनता को आईपीओ, शेयर, स्टॉक में सम्मिलित करने वाली दुनिया की पहली कंपनी बन गई ।
Courtesy:stockselector.in |
इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि रिलायंस की सोच कितनी दूरदर्शी थी । रिलायंस के आईपीओ लॉन्च करने के ठीक 15 साल बाद April 12, 1992 को सेबी की स्थापना की गई थी । आज रिलायंस की वजह से आम आदमी भी किसी भी कंपनी में अपनी हिस्सेदारी खरीद सकता है वह भी एक छोटी पूंजी से ।
आईपीओ क्या है इसे एक उदाहरण के माध्यम से समझते हैं, मान लेते हैं ABC Limited एक कंपनी है जो सफल और अच्छी स्थिति में व्यापार कर रही है परंतु उसको ऋण भी चुकाना है, साथ ही साथ अपने व्यवसाय का विस्तार भी करना है ।
ऐसी स्थिति में ABC Limited को पूंजी की जरूरत होगी । अब पूंजी जुटाने के लिए कंपनी के पास दो रास्ते हैं या तो कंपनी लोन ले, जिसमें लोन का मूलधन तो वापस करना ही होगा, साथ ही साथ उसको उसका ब्याज भी चुकाना पड़ेगा । जिसमें कंपनी के ऊपर अतिरिक्त दबाव बढ़ेगा ।
Courtesy:Angelbrocking.com |
वही पूंजी जुटाने का दूसरा रास्ता आम आदमी को कंपनी में हिस्सेदार बनाना है । इसमें कंपनी द्वारा निवेशक को कोई ब्याज या मूलधन वापस नहीं करना पड़ता है । यदि कंपनी को लाभ होता है तो आम आदमी या निवेशक को निवेसित पूंजी के अनुपात में लाभ मिल जाता है । इसके विपरीत यदि हानि होती है तो निवेसित पूंजी की मात्रा में हानि को बांट दिया जाता है ।
इस प्रकार से कंपनी को पूंजी तो मिल ही जाती है साथ में जोखिम भी कम हो जाता है । निवेशक के द्वारा कंपनी में लगाए गए इसी पूंजी को कंपनी का शेयर कहते हैं । और जब इसी शेयर को कंपनी द्वारा निवेशकों या आम आदमी को देने के लिए पहली बार आमंत्रित किया जाता है तो इसे आईपीओ कहा जाता है मतलब प्रारंभिक सार्वजनिक प्रस्ताव (IPO-Initial Public Offering)
IPO-Initial Public Offering जारी करना मार्केट या पब्लिक से पैसा लेने का एक शानदार विकल्प है । किसी भी कंपनी को कंपनी विस्तार या व्यापार विस्तार के लिए पर्याप्त पैसे की जरूरत होती है चाहे व्यवसाय में सुधार करना हो, कंपनी के मूलभूत ढांचे को मजबूत करना हो या कंपनी द्वारा लिए गए ऋण को चुकाना हो ।
ऐसे में आईपीओ एक बेहतर और मजबूत साधन होता है । "सार्वजनिक होने वाली एक कंपनी का मतलब है कि ब्रांड को स्टॉक एक्सचेंज में अपना नाम चमकाने के लिए पर्याप्त सफलता मिली है यह किसी भी कंपनी के लिए गर्व की बात होती है ।"
2021-22 में सरकार एलआईसी की आईपीओ लाने की तैयारी में है । अगर इस आईपीओ के लिए आवेदन किया जाता है तो आईपीओ मिलने पर रकम दुगनी से अधिक हो सकती है । एलआईसी के एक विशेष योजना के तहत अपने पॉलिसी धारकों के लिए अलग से आईपीओ आरक्षित की है । या आईपीओ 2022 के March में आ सकता है या 2022 के पहले क्वार्टर में । एक सूचना के अनुसार यह आईपीओ दो भागों में आ सकता है । अगर आप इस आईपीओ में आवेदन करना चाहते हैं तो अपने और घर में सभी सदस्यों का डिमैट अकाउंट पहले से खोज सकते हैं ।
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रेल यात्राएं हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। आपने शायद यह महसूस किया होगा कि रात के समय ट्रेनें दिन की तुलना में तेज गति से चलती हैं...
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